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Low sugar के लक्षण, कारण और उपचार क्या है?

Diabetes का जब इलाज किया जाता है तब एक complication है जो मरीज को हो सकता है और वह है Hypoglycemia यनेके शुगर कम होना। ये जो शुगर कम होने की बीमारी है , इससे मरीज काफी डर जाता है क्योकि इसमें तकलीफ काफी हो सकती है , खास करके जब पोहोत ही ज्यादा कम हो जाती है तब यह काफी डरवाना अनुभव हो सकता है। लेकिन कभी कभी पूरी तरह से देखभाल करने के बावजूद भी यह हो सकता है।

Hypoglycemia meaning

Hypoglycemia का अर्थ है हमारे शरीर में Sugar के स्तर का कम होना। सामान्यत: Sugar का स्तर 80 और उससे अधिक होता है। जिन मरीजों की उम्र ज्यादा है या complications ज्यादा है तो 80 ऊपर होना चाहिए।

Symptoms of Low Blood Sugar

जब शुगर कम होने लगता है यनेके 70 के आस पास आनेलगता है तब अपना दिमाग हमे warning symptoms देने लगता है।

Sugar कम होने के शुरुआती लक्षण – ठंड लगना, पसीना आना, कांपना, हृदय गति में वृद्धि होना। अगर आपको यह लक्षण दिखाई दे रहे है तो उसी वक्त आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए और इस्पे ध्यान देना चाहिए।

जब शुगर 55 से निचे जाती है तब severe Hypoglycemia condition मानी जाती है। इस स्थिति में मरीज ठीक से सोच भी नहीं पाता और cordination भी चला जाता है और ढंग से बोल भी नहीं पाता।

ज्यादातर लोगो में यह सब कुछ क्रमवार होता है। अगर आप इसकी तरफ ध्यान नहीं दोगे तो ये बढ़ते ही जायेगा।

Hypoglycemia के लिए उपचार?

अगर आपको लगता है की मरीज की शुगर कम हो रही है और आपके पास glucometer है तो Glucometer से मरीज का Sugar लेवल चेक करना बहुत जरूरी है।

अगर आपके पास glucometer नहीं है और मरीज पूरी तरह से होशो आवाज में है तो उनको कुछ खाने दे। इसमें 20-30 gram carbohydrate मरीज को खिलाना पड़ता है।

यदि patient बेहोश है तो आपको patient को कुछ भी खाने को नहीं देना चाहिए | अगर मरीज खाने के होश में ना हो तो हमेशा आपके घर पे खासकर के जो मरीज काफी vulnerable है , जिनको काफी complications है या जिनको high dose insulin चल रहा हो ऐसे लोगो को Hypoglycemia होने की संभावनाएं ज्यादा होती है ऐसे स्थिति में glucagon injection आपके घरमें हमेशा होना चाहिए। इससे शुगर उपर आनेमें मदत होती है।

इसके आधी घंटे बाद patient की स्थिति को दुबारा जांचे sugar level दुबारा check करे। और फिर भी शुगर कम है तो और 20-30 gram sugar देनी चाहिए। अगर मरीज में improvement है लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं है तो उसे हॉस्पिटल में लेके जाना चाहिए।

Read MoreHow to control Diabetes?

शुगर (डायबिटीज) में क्या खाना चाहिए:

  1. सब्जियाँ: हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, काले पत्ते और लो-कार्ब सब्जियाँ जैसे ब्रोकोली, फूलगोभी का सेवन करें। ये आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
  2. पूरा अनाज (Whole Grains): ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ, और साबुत गेहूं की रोटियाँ खाएं। ये फाइबर से भरपूर होते हैं और ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखते हैं।
  3. लो-फैट प्रोटीन: चिकन, मछली, टोफू, और दालें (लेंटिल्स) प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती हैं, जो ब्लड शुगर को बढ़ाए बिना शरीर को पोषण देती हैं।
  4. नट्स और बीज: बादाम, अखरोट, चिया बीज, और फ्लैक्ससीड्स जैसे हेल्दी फैट्स से भरपूर नट्स और बीज का सेवन करें। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
  5. फल: फल का सेवन सीमित रखें, और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल जैसे सेब, नाशपाती, और बेरीज खाएं। ये फल ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाते।
  6. डेयरी उत्पाद: लो-फैट दूध, दही और चीज़ जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन करें। ये कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं।
  7. हेल्दी फैट्स: ऑलिव ऑयल, एवोकाडो, और नारियल तेल जैसे हेल्दी फैट्स का सेवन करें। इनमें अनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जो शुगर लेवल को नियंत्रित रखते हैं।
  8. पानी: ज्यादा पानी पिएं, क्योंकि हाइड्रेशन ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है।

क्या नहीं खाना चाहिए:

  • रिफाइंड शुगर, सफेद ब्रेड, प्रोसेस्ड फूड्स, और शुगर ड्रिंक्स से बचें।
  • हाई-कार्ब फूड्स जैसे मिठाइयाँ और फास्ट फूड से भी बचें।

अगर आपको शुगर (डायबिटीज) है, तो एक संतुलित और नियंत्रित आहार अपनाकर आप अपने शुगर लेवल को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।

Hypoglycemia के कारण क्या हैं?

1. आपके भोजन का सेवन कम है,
2. गतिविधि में अचानक वृद्धि
3. दवा की खुराक में वृद्धि
4. दूसरी बीमारी के कारण sugar निचे जाना।

Diabetes मरीजों का जितनी जागरूकता ज्यादा रहती है उतने ही Long term complications कम होते है।

FAQs

  • हाइपोग्लाइसीमिया (कम शुगर) क्या है?

हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से कम हो जाता है, सामान्यतः 70 mg/dL से कम। इससे हाथों में कांपना, पसीना आना, और उलझन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गंभीर मामलों में, यह बेहोशी का कारण बन सकता है।

  • कम शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) के लक्षण क्या होते हैं?

कम शुगर के प्रारंभिक लक्षणों में कांपना, पसीना आना, ठंड लगना, दिल की धड़कन का तेज होना, और चक्कर आना शामिल हैं। यदि शुगर 55 mg/dL से कम हो जाता है, तो लक्षण गंभीर हो जाते हैं, जैसे भ्रम, बोलने में परेशानी, और समन्वय की कमी।

  • डायबिटीज मरीजों में कम शुगर के कारण क्या हो सकते हैं?

कम शुगर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे भोजन की कमी, शारीरिक गतिविधि में अचानक वृद्धि, या दवाओं की अधिक खुराक। इसके अलावा, बीमारियों या दिनचर्या में अचानक बदलाव के कारण भी शुगर कम हो सकता है।

  • कम शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) का इलाज कैसे करें?

यदि आपको कम शुगर के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत 20-30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें, जैसे फल का रस, ग्लूकोज टैबलेट या कैंडी। यदि मरीज बेहोश हो, तो उन्हें खाना या पीने की चीज़ें न दें। इसके बजाय, ग्लूकोगन इंजेक्शन का उपयोग करें और तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।

  • अगर मेरे पास ग्लूकोमीटर नहीं है, तो मुझे क्या करना चाहिए यदि मुझे कम शुगर का संदेह हो?

यदि मरीज होश में हैं, तो उन्हें 20-30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट देने का प्रयास करें, जैसे कि शहद, फल का रस या चीनी। अगर शुगर स्तर सामान्य होने के बाद भी सुधार नहीं होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • कम शुगर के लक्षण होने पर अस्पताल कब जाना चाहिए?

यदि कम शुगर के लक्षण गंभीर हो जाएं, जैसे कि बोलने में कठिनाई, चक्कर आना, या बेहोशी, तो तुरंत अस्पताल जाएं। विशेष रूप से अगर मरीज पूरी तरह से होश में नहीं है या उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।

  • कम शुगर से बचने के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

नियमित रूप से भोजन करें, सही समय पर दवाइयाँ लें, और शारीरिक गतिविधि के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतें। ग्लूकोमीटर का उपयोग करके शुगर स्तर की निगरानी रखें और हमेशा घर पर ग्लूकोगन इंजेक्शन रखें, खासकर यदि मरीज को हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा हो।

About Author

Endocrinologist and Diabetologist in pune

Dr. Uday Phadke

Endocrinologist and Diabetologist
Contact: +91 88888 22222
Email – ask@sahyadrihospitals.com

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