Home > Videos > Physiotherapy > ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) के लक्षण, कारण और इलाज क्या है?

ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) के लक्षण, कारण और इलाज क्या है?

ऑस्टियोआर्थराइटिस क्या होता है? (Osteoarthritis kya hota hai)

Osteoarthritis ये सबसे ज्यादा प्रमाण में पाए जाने वाला आर्थराइटिस का type है। ये पुरुषोंसे ज्यादा महिलाँओमे अधिक पाया जाता है। Osteoporosis सबसे बड़ी वजह है जिसके कारण Osteoarthritis होता है। ये low calcium level से होता है।

Osteoarthritis के Symptoms

  • Pain in joints
  • Stiffness in joints
  • Swelling in joints

ये दर्द धीरे धीरे बढ़ता है जिसके कारण हमें early stage में होने वाला दर्द किसकी वजह से होता है ये समझता नहीं और हम उसको नजरअंदाज कर देते है।

आर्थराइटिस होने के Causes / कारण (causes of arthritis)

आजकल हमारी lifestyle में बोहत बदलाव आ गए है। जहा पहले लोग physical काम ज्यादा करते थे वो आज mental work करते है, इसकी वजह से हमारी body जितनी करनी चाहिए उतनी फिजिकल activity नहीं करती, repetitive काम अगर हम कर रहे हो या heavy weights से जिम्मिंग कर रहे हो तो भी यह आर्थराइटिस का कारण बन सकता है।आर्थराइटिस ज्यादातर जो हमारे weight bearing joints है जैसे की hip joint , knee joint में पाया जाता है।

  • Grade 1 आर्थराइटिस – इसमें बोहत कम दर्द होता है जो पेशेंट्स नजरअंदाज कर देते है।
  • Grade 2 आर्थराइटिस – दर्द हो रहा है ये हमें समझता है यानी दर्द बढ़ जाता है।
  • Grade 3 आर्थराइटिस – इसमें हमें दर्द उस joint की movement करते समय महसूस होता है।
  • Grade 4 आर्थराइटिस – इसमें दर्द बोहत ही ज्यादा बढ़ जाता है जो सेहेन करना कठिन होता है, joints में सूजन आ जाती है, चलना फिरना कठिन हो जाता है।

 Read More – Ergonomics क्या होता है?

ऑस्टियोआर्थराइटिस किसी कमी से होता है? (Osteoarthritis kisi Kami Se Hota Hai)

ऑस्टियोआर्थराइटिस सीधे तौर पर किसी विशेष पोषक तत्व की कमी से नहीं होता है, लेकिन कुछ कमियां इस समस्या के बढ़ने में योगदान कर सकती हैं:

कार्टिलेज का घिसाव:

यह स्थिति जोड़ों की कार्टिलेज के टूटने या घिसने के कारण होती है, जो हड्डियों को आपस में रगड़ने से बचाती है।

कैल्शियम और विटामिन डी की कमी:

हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम और विटामिन डी जरूरी हैं। इनकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

कोलेजन की कमी:

कोलेजन कार्टिलेज के निर्माण और संरक्षण में मदद करता है। उम्र बढ़ने के साथ कोलेजन की कमी से कार्टिलेज कमजोर हो जाती है।

फिजिकल एक्टिविटी की कमी:

नियमित व्यायाम न करने से जोड़ों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे जोड़ों पर दबाव बढ़ता है।

पानी की कमी:

डिहाइड्रेशन से जोड़ों में लुब्रिकेशन कम हो सकता है, जिससे जोड़ों में दर्द और सूजन बढ़ सकती है।

हालांकि, ऑस्टियोआर्थराइटिस के मुख्य कारण उम्र, वजन, और जोड़ों के अत्यधिक उपयोग हैं। पोषण की कमी इन समस्याओं को और बढ़ा सकती है, इसलिए संतुलित आहार और सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

आर्थराइटिस की Treatment / इलाज –

कई बार यह देखा गया है की आर्थराइटिस के पेशेंट्स ग्रेड ४ तक जाने के बाद इलाज करने आते है। आर्थराइटिस इतना बढ़ जाने के बाद उसपर इलाज करना भी मुश्किल हो जाता है। अगर पेशेंट्स शुरू में ही डॉक्टर को consult करते है तो बेहतर इलाज हो सकता है।

Non surgical treatments है जो करने से आर्थराइटिस control में आ सकता है जैसे की lifestyle modifications, physiotherapy, exercises जिससे जॉइंट्स पर pressure आता है वो कम हो और उनकी काम करने की क्षमता बढ़ जाये।

Surgical treatments इसमें joint replacement करने से पेशेंट के post treatment जॉइंट की life में बोहत ज्यादा सुधार देखा गया है। इस surgery के बाद extensive rehabilitation भी बोहत ज्यादा जरुरी है।

 Read More – Osteoporosis क्या होता है?

About Author

dr stock

Dr. Vipin Banugade

In-Charge Physiotherapist
Contact: +91 88888 22222
Email – ask@sahyadrihospitals.com

View Profile

    Book Appointment

    For a quick response to all your queries, do call us.

    Patient Feedback

    Expert Doctors

    [dgbc_blog_carousel posts_number="4" type="3" include_categories="1238" show_excerpt_length="200" show_categories="off" show_author="off" show_date="off" show_more="on" read_more_text="Get An Appointment" show_items_xlarge="1" show_items_desktop="1" show_items_tablet="1" dot_nav="on" image_size="default_image" button_alignment="center" button_at_bottom="on" title_margin="16px||||false|false" meta_padding="||||false|false" admin_label="Divi Blog Carousel" module_id="doctors-crouser" _builder_version="4.9.3" _module_preset="default" header_font="|700|||||||" header_text_align="center" content_text_align="center" custom_padding="|30px||30px|false|true" hover_enabled="0" locked="off" sticky_enabled="0"][/dgbc_blog_carousel]
    Emergency/Ambulance
    +91-88888 22222
    Emergency/Ambulance
    +91-88062 52525
    Call Now: 88888 22222